गुरुवार, 23 मार्च 2023

भारतीय नव वर्ष का ऐतिहासिक महत्व

 भारतीय नव वर्ष हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है। विशुध् विज्ञान पर आधारित यह नव वर्ष हमारे लिए राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। आइये जाने इसके ऐतिहासिक महत्व को

*चैत्र की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को भारतीय नव वर्ष मनाया जाता है। 

* सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने आज से लगभग 1  अरब, 97 करोड़ 39 लाख, 49 हज़ार, 109 वर्ष पूर्व आज के ही दिन को सृष्टि आरंभ करने के लिए चुना। 

*लंका दहन के बाद अयोध्या लौटने पर आज के ही दिन को भगवान राम ने अपने राज्याभिषेक के लिए चुना। 

* विक्रमी संवत की शुरुआत जिस सम्राट विक्रमादित्य के नाम से हुई उन्होंने आज के ही दिन अपने साम्राज्य की स्थापना की। 

*लगभग 5 हज़ार वर्ष पूर्व आज के ही दिन  युधिष्टर का राज्याभिषेक हुआ। 

*संत झूले लाल, सिंध प्रांत के समाज सेवक उनका जन्म भी आज के दिन हुआ। 

* स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने आज के ही दिन को आर्य समाज की स्थापना के लिए चुना। 

* सिख गुरु अंगद जी का जन्म भी आज के ही दिन हुआ। 

* संघ संचालक डॉक्टर हेडगवार् जी का जन्म भी आज के ही दिन हुआ। 

*नव रात्रि का प्रारंभ भी आज के दिन से होता है। 

अब जाने प्राकृतिक महत्व

*ग्रह बड़े शुभ होते है इन दिनों। 

*फसल के पकने का समय भी इन दिनों से होता है। 

*वसंत ऋतू का खुशनुमा माहौल चारो तरफ होता है। 

अपनी संस्कृति पर गर्व करे। आओ अपने नव वर्ष को मनाये। 

जय श्री राम

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें